Saturday, October 23, 2010

सनातन धर्म मे श्रेष्ठता की चार कसौटी है: उम्र, विद्या,यश एवं बल। इन चारों मे से एक में भी आगे रहने पर वह व्यक्ति वंदनीय होता है। बौद्ध धर्म में श्रेष्ठता की कसौटी है:- प्रज्ञा, गुण,जाति एवं उम्र " तत्थ पञ्ञावुड्ढो गुणवुड्ढो जातिवुड्ढो वयोवुड्ढो ति चत्तारो वुड्ढा।" (सुत्तनिपात-अट्ठकथा : किंसीलसुत्तवण्णना) इसी जगह कहा गया है: "तथा दहरो पि राजा खत्तियो मुद्धावसित्तो ब्राह्मणो वा सेसजनस्स वन्दनारहतो जातिवुड्ढो नाम।" यानी, छोटा भी यदि राजा क्षत्रिय है और उसका राजतिलक हुआ है या वह ब्राह्मण है तो शेष लोगों के लिए पूजनीय है इसे जाति की श्रेष्ठता कहते हैं।जो लोग सनातन धर्म पर कीचड़ उछालकर बौद्ध बनने जा रहे होँ उन्हें यह संदेश समर्पित...

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