बसहा बैल
दो हट्टे-कट्टे बैल जुते हैं एक गाड़ी में/
गाड़ी पर भी एक बैल ही बैठा/
मस्त मस्त पागुर करता हुआ/
आगे मे धूप-दीप/
सजी है थाल कोमल कोमल दूर्वा से/
बज रहे बाजे/
'जय जय भोले शंकर'/
थाल मे बरसते पैसे, केले, लड्डू, /
गेरुआ धारी दाढ़ीवाले की चमकती आँखें/
जुते बैल की भूखी-प्यासी ऐंठती जीह/
छिला हुआ कंधा/
देखने ठिठक जाता हूँ/
फिर दिखाई देता है एक कूबर उठा हुआ/
गाड़ी में बैठे बैल की गरदन पर/
फूलमाला से सजा हुआ/
तभी बैलोँ पर एक डंडा चल जाता है/
बैल चुपचाप चल पड़ते हैं/
'जय भोलेनाथ'
Monday, October 18, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Where was the Mithila and the capital of King Janak
The site of ancient Mithila प्राचीन काल की मिथिला नगरी का स्थल-निर्धारण (जानकी-जन्मभूमि की खोज) -भवनाथ झा मिथिला क्षेत्र की मिट्टी बहु...
-
.by Bhavanath Jha on Monday, September 20, 2010 at 2:39pm. The genealogical tables or record is called panji-Prabandh or Panji in Mithila. T...
-
मण्डन मिश्र का व्यक्तित्व एवं सिद्धान्त की एक झलक - भवनाथ झा प्रकाशन प्रभारी महावीर मन्दिर, पटना पूर्वजानां सतां लोके स्मरणेनापि सन्मतिः। तस...
-
महान् ज्योतिषशास्त्री डाक मिथिला के थे। कुछ लोग उन्हें बंगाली सिद्ध करने में लगे हुए हैं तो कुछ घाघ के रूप में अवध क्षेत्र का मानते हैं। कुछ...
No comments:
Post a Comment