Thursday, October 14, 2010
THE BIRTH-SONG "Sohar" in Mithila
बच्चाक जन्मक अवसर पर मिथिला में सोहर गीत गाओल जाइत अछि। 'सोहर' शब्दक मूल संस्कृत 'शोकहर' अर्थात् प्रसव-पीडा के मेटओनिहार थिक। एहि गीत सभमें बच्चाक जन्मके देवी-देवताक सँ जोड़ल जाइत अछि। मध्यकालमेँ जखनि निरगुनियाँ सन्त मानव-जन्मकेँ शोकक कारण मानि संन्यास के महिमा-मण्डित करए लगलाह तखनि मिथिला मेँ विवाह आ बच्चाक जन्मकेँ पावन अवसर मानल गेल। 'सोहर' शब्दमे जे ई दार्शनिक भाव अछि से 'बधैया' मेँ नहि अछि।बधैयामे चारण आ भाँटक संस्कृतिक भावना अछि। मिथिलामे ई पमरियाक परम्परा पृथक् अछि। मिथिलाक संस्कृति बेटीक जन्मके 'भगवतीक आगमन' मानैत अछि आ बेटाक जन्मके कृष्ण आ रामक अवतार। बच्चाक माय एतए देवकी, यशोदा आ कौशल्याक रूपमे पूजित होइत छथि।
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