Wednesday, October 13, 2010
ये कहाँ के यात्री हैं?
मैं पटना रेलवे स्टेशन पर लगभग दो घंटे से खड़ा था. जिस ट्रेन से मुझे जाना था वह पिछले स्टेशन पर ही रोक दी गयी थी. मैंने सीढियों के नीचे अस्वेस्तेस पर कुछ बच्चों को देखा. सबकी उम्र १०-१२ वर्ष रही होगी. सब कपडे को मुट्ठी में भरकर उसे चूस रहे थे. मुझे अचरज लगा.
थोड़ी देर के बाद एक और लड़का आया. उसकी उम्र लगभग २०-२२ रही होगी. उसके आते ही सभी लेटे हुए बच्चे बैठ गए और कुछ कहने लगे. उस लडके ने उन्हें डांटा और अपनी जेब से एक सीसी निकालकर उन्हें थमा दी. जिस कपडे को वे लडके चूस रहे थे उस कपडे को खोलकर सीसी में से थोड़ी सी दवा कपड़े पर डालकर फिर वैसे ही चूसने लगे. वह लड़का फिर चला गया.
सभी छोटे लडके थोड़ी ही देर में सो गए. एक लडके के हाथ में सीसी रह गयी, जिसे मैंने गौर से देखा. मैं उपर ओवरब्रिज पर था. काफी दूरी थी इसलिए उस दवा का नाम मैं नहीं पढ़ सका. जिस तरह whitener की सीसी होती है वैसी ही सीसी थी और अन्दर की दवा भी ठीक वैसी ही थी. लेकिन वह whitener नही थी. कागज पर काले अक्षर में लिखा हुआ था लेकिन दवा का नाम लाल अक्षरों में था. क्या था वह? वह नशीली दवा तो थी ही!
सभी १०-१२ साल के मासूम बच्चे सोये हुए थे या बेहोश थे कौन जाने? नीचे प्लेटफार्म पर यात्री आ-जा रहे थे. मेरी ट्रेन भी अब आनेवाली थी. मेरे बगल में मेरा भी १०-१२ साल का बेटा था. मैंने उसे पकड़ लिया. शायद कुछ झकझोडकर. मेरे हाथों में एक व्यग्रता थी. मन में तूफ़ान-सा था. मेरे बेटे ने शायद समझा हो कि ट्रेन आ जाने के कारण मैंने उसे इस तरह झकझोड़ दिया है.
मैं ट्रेन में बैठ गया. सोचता हूँ कि सब बैठ गए होंगे. पर वे लडके? उन्हें कहाँ जाना था???
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Where was the Mithila and the capital of King Janak
The site of ancient Mithila प्राचीन काल की मिथिला नगरी का स्थल-निर्धारण (जानकी-जन्मभूमि की खोज) -भवनाथ झा मिथिला क्षेत्र की मिट्टी बहु...
-
.by Bhavanath Jha on Monday, September 20, 2010 at 2:39pm. The genealogical tables or record is called panji-Prabandh or Panji in Mithila. T...
-
मण्डन मिश्र का व्यक्तित्व एवं सिद्धान्त की एक झलक - भवनाथ झा प्रकाशन प्रभारी महावीर मन्दिर, पटना पूर्वजानां सतां लोके स्मरणेनापि सन्मतिः। तस...
-
महान् ज्योतिषशास्त्री डाक मिथिला के थे। कुछ लोग उन्हें बंगाली सिद्ध करने में लगे हुए हैं तो कुछ घाघ के रूप में अवध क्षेत्र का मानते हैं। कुछ...
No comments:
Post a Comment