Thursday, July 20, 2017

Lalgachi by Amalendu Shekhar Pathak

Book review 

मैथिलीमे साहित्य अकादमीक बालसाहित्यक पुरस्कारक लेल चयनित उपन्यासक मादे पढलाक बाद एकटा पाठकक रूपमे पहिल प्रतिक्रिया। -भवनाथ झा (दिनांक 21 जुलाई, 2017)

श्री अमलेन्दुशेखर पाठकजीक लालगाछी उपन्यास भेटल। ओकरा पढलाक बाद नीक लागल। किशोर अमोल एकर चरितनायक थिकाह जे गर्मीक छुट्टी बितएबाक लेल अपन गाम आएल छथि। हुनका संग किशोर-मित्र सभ सेहो छथिन्ह। ई सभ मीलि कए अपन गाममे अन्तरराष्ट्रीय घुसपैठक पर्दाफास करैत छथि आ अपन गामकें उजरबासँ बचा लैत छथि। हिनक गाम भारतवर्षक प्रतीक थीक तँ लालगाछी मिथिलाक प्रतीक। लालगाछीक भूमिकें खरीदि ओहिठामसँ आतंकवादी गतिविधि चलएबाक अन्तरराष्ट्रीय मनसूबाके ओ किशोरदल मटियामेट कए दैत अछि तकरे खिस्सा थीक लालगाछी। 

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